सूरजपुर। बाल विवाह रोकने की टीम के सक्रियता के कारण लोग चोरी छुपे सुरक्षित ठिकाने में जाकर विवाह करने की कोशिश कर रहे हैं, वर्तमान मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रेश सिंह सिसोदिया को ग्रामीणों के द्वारा फोन कर बताया गया कि कोरिया से एक लड़की को ला कर शिव मंदिर सारासोर भैयाथान में विवाह होने वाला है जिला कार्यक्रम अधिकारी ने तत्काल जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को निर्देशित किया कि टीम का गठन कर सारासोर में होने वाले बाल विवाह की जांच करें। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने तत्काल संयुक्त टीम बनाकर सारासोर भैयाथान रवाना हुए, जहां पता चला कि मंदिर में लड़का एवं लड़की पक्ष वाले आ गए हैं और विवाह के लिए बैठने वाले पंडित विवाह की तैयारी कर चुके थे, और लड़की विवाह के लिए विवाहवेदी पर बैठ चुकी थी। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बालिका से उसके जन्म तिथि के संबंध में पूछताछ की तो पता चला कि बालिका का जन्म तिथि के अनुसार उम्र 17 वर्ष है कोई दस्तावेज नहीं मिलने पर शादी को रोक दिया गया और कोरिया से टीम लड़की के गांव भेजा गया। जहां से अंकसूची में भी लड़की की उम्र मात्र 17 वर्ष थी, दोनों पक्ष के लोगों को समझाइश दिया गया साथ ही पंडित को भी बताया गया कि इस प्रकार का विवाह कराना गैर कानूनी है। पंचनामा तैयार कर लड़की, लड़का एवं उनके परिजनों का कथन भी तैयार किया गया और बालिका को बाल कल्याण समिति सूरजपुर में प्रस्तुत किया गया। बालिका का होमवर्क वेकेशन कोरिया से कराया गया बालिका को सुरक्षित सखी वन स्टॉप सेंटर में रखा गया। जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाइल्डलाइन के द्वारा बालिका को कोरिया बाल कल्याण समिति में भेजा गया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने सभी को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी दी। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत बाल विवाह केवल कुरीति ही नहीं बल्कि एक अपराध भी है। बाल विवाह करने पर सभी के लिए दंड के प्रावधान है। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में अब अट्ठारह नहीं बल्कि 21 वर्ष की लड़कियों का ही शादी हो पाएगा क्योंकि बहुत जल्द लड़कियों के लिए भी 21 वर्ष का उम्र के संबंध में कानून बनने वाला है। बाल विवाह रुकवाने वाले में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल चाइल्ड लाइन से सेंटर कोऑर्डिनेटर जनार्दन यादव, टीम मेंबर राधा यादव, अनवरी खातून एवं दिनेश यादव, चेंद्रा चौकी प्रभारी आराधना बनोदे, सहायक उप निरीक्षक हरिशंकर तिवारी, हेड कांस्टेबल जयप्रकाश तिवारी उपस्थित थे।