जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के जगदलपुर में मां दंतेश्वरी वार्ड और दीनदयाल उपाध्याय वार्ड के निवासी विगत 3 माह पेयजल समस्या से जूझ रहे है। प्रभावित परिवारों के लगभग 100 की संख्या में वार्डवासी नगर निगम कार्यालय पहुंचे। इनके साथ पंडित दीनदयाल उपाध्याय वार्ड और मां दंतेश्वरी वार्ड के पार्षद भी उपस्थित थे। प्रभावित परिवारों ने अपने साथ सांकेतिक खाली गुंडी, बाल्टी लेकर महापौर से मिलना चाह रहे थे। मगर महापौर के कार्यालय में नहीं होने से आयुक्त प्रेम कुमार पटेल से मुलाकात कर अपनी समस्या से अवगत कराया। वार्ड वासियों ने कहा कि हम विगत 3 महीने से पानी खरीद कर पी रहे हैं। टैंकर के पानी से निस्तारित काम किया जाता है। टैंकरों से पानी भरते भरते अब हम लोग थक चुके हैं। निगम के द्वारा अब तक कोई स्थाई हल नहीं निकाला गया। इसका स्थाई हल तत्काल निकालते हुए केंद्र सरकार की अमृत योजना का पाइप लाइन वार्ड के आगे से गुजरा है। इस पाइपलाइन से हमें तत्काल पानी देने की व्यवस्था की जाए। दीनदयाल उपाध्याय वार्ड के पार्षद ने आयुक्त से कहा कि हम विगत 10 दिन पहले भी आपसे मिलकर समस्या का समाधान करने हेतु मांग पत्र दी गई थी। और इसके बाद भी किसी प्रकार का सकारात्मक पहल नहीं होते वार्ड वासियों का आक्रोश का सामना हम पार्षदों को करना पड़ता है। इसलिए वार्डवासी स्वयं आपके पास आए हैं, आप इनकी समस्या को सुने। चर्चा के दौरान महापौर का आना हुआ और महापौर ने लोगों की समस्या का निराकरण करना छोड़, अपने वार्ड की समस्या बताते हुए पूरी बातों को अनदेखा कर अपने कक्ष की ओर चली गई। महापौर के इस व्यवहार से प्रभावित परिवार ने नाराजगी व्यक्त की। राजपाल कसेर ने कहा कि निगम के द्वारा लगातार आश्वासन दिए जाने के बाद भी स्थाई हल की दिशा में कोई पहल नहीं किए जाने से प्रभावित परिवार के गुस्से का सामना हमें रोज करना पड़ता है। आज वार्ड की जनता स्वयं महापौर से मिलने आई थी, मगर महापौर पीडि़तों को अपनी वार्ड की समस्या सुना कर पीडि़तों की समस्या को सुने बगैर अपने कक्ष में चले गई, यह इन पीडि़त परिवारों का अपमान है। महापौर ने अपने वार्ड की समस्या को बताते हुए जिस तरह से दीनदयाल और मां दंतेश्वरी वार्ड के प्रभावित परिवारों की समस्या के निदान के लिए ठोस पहल की दिशा में कोई बात ना कर अपने वार्ड की समस्या बताते हुए अंदर चले जाना यह साबित करता है कि वह सिर्फ कांग्रेस के द्वारा बनाई गई महापौर है, शहर कि महापौर नहीं। इन्हें सिर्फ अपने वार्ड की चिंता है शहर की नहीं। भाजपा नगर अध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने कहा कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ सरकार ने काला कानून लाया है। इस वजह से छत्तीसगढ़ की पीडि़त शोषित प्रताडि़त जनता अपनी बातों को लोकतांत्रिक तरीके से नहीं रख सकती। निगम महापौर के समक्ष जब प्रभावित परिवार अपनी बात रखना चाहे तो महापौर का व्यवहार समस्या के समाधान की ओर नहीं था ।महापौर खुद महिला है, और महिलाओं की तकलीफ ों को समझते हुए और जिम्मेदार पद पर रहते हुए शालीनता का परिचय देना चाहिए था। और समस्या के निराकरण हेतु हर संभव प्रयास की बात होनी थी। दंतेश्वरी वार्ड, दीनदयाल वार्ड में बीजेपी के पार्षद है। इसलिए इन दोनों वार्ड को अनदेखा किया जा रहा है। यह उन्होंने अपने व्यवहार और व्यक्तित्व से आम जनता को बता दिया। पार्षद जरूर भाजपा के हैं, लेकिन जनता इस जगदलपुर शहर की है। उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि महापौर पूरे शहर की होती हैं, किसी एक वार्ड की नहीं। उनका व्यवहार उनकी अक्षमता को जाहिर करता है। वह खुद एक महिला है और महिलाओं का सम्मान उनके तकलीफ ों का निराकरण की दिशा में पहल करना चाहिए।