रायपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक बार फिर टल गया है। अब चुनाव कब होंगे, इसके बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है। चुनाव टालने की वजह कोरोना की दूसरी लहर की वजह से मौजूदा हालत को देखते हुए निर्णय लिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को पहले से निर्धारित 23 जून को कराने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हिंदुस्तान में कोरोना की भयावह स्थिति का हवाला देकर वर्तमान में चुनाव कराना उचित नहीं होने की बात कही। इसका कई वरिष्ठ नेताओं ने भी समर्थन किया। बता दें कि इससे पहले जनवरी में पार्टी ने तय किया था कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद जून के अंत तक पार्टी को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। हालांकि, इसे टालने के बाद अभी नई डेडलाइन तय नहीं है। अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 4 राज्यों के चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर भी चर्चा हुई। सोनिया गांधी ने हार पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा- इस हार पर ध्यान देना होगा। उन्होंने केरल और असम में हार, बंगाल में कुछ भी हाथ नहीं लगने पर चर्चा की और एक ग्रुप बनाने की बात कही जो इस हार के हर पहलू पर विचार करेगा।
2019 में राहुल ने इस्तीफा दिया: इससे पहले 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी ने बतौर कार्यकारी अध्यक्ष फिर से पार्टी की कमान संभाली थी। इसके बाद से ही कांग्रेस नेताओं का एक गुट फुलटाइम और एक्टिव प्रेसिडेंट चुनने की मांग कर रहा है। वहीं, गांधी परिवार से अलग अध्यक्ष बनाने की मांग भी उठती रही है।
बदलाव करने की उठी थी मांग: पार्टी से नाराज 23 नेताओं ने इस मसले पर सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी थी। इनमें कपिल सिब्बल के साथ गुलाम नबी आजाद भी शामिल थे। चिट्ठी में पार्टी में ऊपर से नीचे तक बदलाव करने की मांग की गई थी। इस चिट्ठी में नेताओं ने सोनिया गांधी से ऐसी फुल टाइम लीडरशिप की मांग की थी, जो फील्ड में एक्टिव रहे और उसका असर भी दिखे।
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