बरमकेला। नगरीय क्षेत्र के शासकीय भूमि पर सालों से कब्जा कर आशियाना बनाकर रहने वाले लोगों के लिए शासन द्वारा पट्टा देने की स्कीम ने लोगों की रातों की नींद हराम कर दी है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के आने के बाद अपने जमीन पर मालिकाना हक पाने की आस से खुश रहने वाले लोग इन दिनों नियमों के जाल में फंसे हुए है। छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के बरमकेला नगर पंचायत क्षेत्र के शासकीय जमीन पर कब्जाधारी 160 लोगों को प्रभारी तहसीलदार राकेश वर्मा ने पट्टा और मालिकाना हक देने के लिए लाखों रुपये टैक्स पटाने का नोटिस जारी किया है। टैक्स नहीं पटाने पर प्रशासन कब्जा खाली कराने की चेतावनी दी गई है। वर्तमान समय में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से लोग एक-एक रुपए के लिए मोहताज है। ऐसे वक्त में राजस्व विभाग द्वारा सख्ती बरतने पर लोग सवाल भी उठा रहे हैं। लोग खाने तक के लिए तरस रहे हैं तो फिर टैक्स जमा करने के लिए हजारों लाखों रुपए कहां से लाए। बरमकेला नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 11,12,13 व 14 और 15 के करीब 160 परिवारों को तहसीलदार ने मालिकाना हक के लिए नोटिस थमाया है। इसमें किसी परिवार को 2 लाख 30 हजार रुपए तो किसी को 80 हजार रुपए तक का टैक्स जमा करना है। वर्तमान समय में इतनी बड़ी रकम लोगों के लिए एकत्रित कर पाना मुश्किल हो रहा है। लोगों का कहना है कि मेहनत मजदूरी करके किसी प्रकार परिवार का भरण पोषण कर पाते है, ऐसे में लाखों रुपए पट्टे के लिए कहां से पटाएंगे।
आशियाना छीन जाएगा तो कहां जाएंगे लोग: प्रभारी तहसीलदार ने चेतावनी दी है कि अगर टैक्स जमा नहीं किया गया तो कब्जा हटकार बेदखल कर दिया जाएगा। कुछ दिनों बाद ठंड शुरू जाएगी। अगर लोगों का आशियाना छीन जाएगा तो ठंड में छोटे-छोटे मासूम बच्चों को लेकर लोग कहां जाएंगे? छोटी-छोटी कार्यो की कार्य स्वीकृति मिलने पर खुद की उपलब्धि बताने वाले विधायकों, जिला पंचायत सदस्यों व जपं सदस्यों को लोगों की इस समस्या से कोई सरोकार नहीं है। मोबाइल टॉवर का उद्घाटन कर वाहवाही बटोरने वाले विधायक इस मामले में चुप्पी साध कर सरकार के साथ खड़े हैं। इससे लोगों में आक्रोश पनप रहा है।
मालिकाना हक मिलने की बात पर खुश हो रहे थे लोग: सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन के लिए राजस्व विभाग के अंतर्गत नई नीति बनाई। नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के लिए पात्र हितग्राहियों को भूमि स्वामी अधिकार देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया। नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित शासकीय नजूल भूमि के व्यवस्थापन के अंतर्गत भू-स्वामी हक प्राप्त करने के लिए भूमि व्यवस्थापन के समय प्रचलित गाईड लाईन दर के 150 प्रतिशत प्रीमियम राशि और दो प्रतिशत फ्री होल्ड राशि मिलाकर 152 प्रतिशत राशि प्रचलित गाईड लाईन दर पर शासन को भुगतान करना है। कांग्रेस सरकार के इस निर्णय से मालिकाना हक मिलने की बात पर खुश हो रहे थे, लेकिन नोटिस मिलने के बाद कब्जाधारियों की मुसीबत बढ़ गई है और गरीबों की आंखों की नींद हराम हो गई है।
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