Friday, November 22, 2024
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कलेक्टर एकाएक पहुंचे गांव, सुव्यवस्थित व्यवस्था, साफ-सफाई को देखकर बोलें जैसा सोचा वैसा पाया, यहां आकर मिला बहुत सुकून

महासमुन्द। शुक्रवार को महासमुंद कलेक्टर डोमन सिंह एकाएक गुलाबी गांव से पहचान बनानें वाले ग्राम नानकसागर पहुंचे। ग्रामीण महिलाओं ने शुभ हुल्लिली ध्वनि (मुख से निकाली जाने वाली आवाज) कलेक्टर का स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डाॅ. रवि मित्तल भी साथ थे। मालूम हो कि स्वच्छ पर्यावरण शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट एवं सुन्दर गांव की श्रेणी में नानकसागर ग्राम को शामिल किया गया है। गांव के सुवर्धन प्रधान ने गुलाबी ग्राम के बारें में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर गांव की सरपंच रेणुका गुढ़निधि बंधु सहित गांववासी मौजूद थे।
कलेक्टर ने गांव की इस सुव्यवस्थित व्यवस्था, साफ-सफाई, पानी निकासी की बेहतर योजना और सभी कच्चें-पक्कें मकानों की एक ही रंग (गुलाबी) से पोताई और गांव के पक्की सड़क के दोनों ओर अशोक के पेड़, घरों के सामनें फुलवारी, गमलें देखकर उन्होंने कहा कि जैसा सोचा वैसा पाया। वास्तव में जैसा गांव के बारें मंे सपनें में सोचतें हैं। वैसा ही सच लगा। उन्होंने गांववासियों से चर्चा करते हुए कहा कि हम सब बचपन से पढ़ते, सुनते आ रहे है कि भारत की आत्मा गांव में निवास करती है। तब शायद गांव की तस्वीर ऐसे ही होगी। यहां आकर उन्हें बहुत सुकून मिला है। देश में आज भी अनेक गांव अच्छे-खासे स्वच्छ है। ‘‘मौलिनौंग’’ नामक एक छोटे से गांव को जो अरूणाचल प्रदेश के शिलांग से काफी दूरी पर पहाड़ियों के मध्य बसा हुआ एशिया का सबसे स्वच्छ गांव बताया जाता है। लेकिन नानकसागर ग्राम भी बेहद खुबसूरत है। उन्होंने कहा कि उनकी पाॅचवीं कलेक्टरी में इतना सुंदर, इतना साफ-सुथरा गांव आज तक नहीं देखा। यहां के आदिवासी लोग भी मिलनसार और अच्छे है। एक दूसरें की बात भी अच्छे से मानते हैं। गांव के एक भी लोगों का कोई केस कोर्ट कचहरी, थानें में नहीं होने पर उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि गांव हर प्रकरण और समस्याओं को आपस मेें ही निराकरण कर लिया जाता है। यह औरों के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
कलेक्टर ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत् 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चें और चिन्हांकित एनीमिक पीड़ित बालिका और महिलाओं को (15 से 49 वर्ष) तक को आॅगनबाड़ी केन्द्रों में सप्ताह में तीन दिन गुणवत्तापूर्ण गरम पौष्टिक भोजन देने की शुरूआत माह फरवरी से की गई है। आपके आॅगनबाड़ी केन्द्रों में भी यह व्यवस्था है। इस गांव का कोई बच्चा कुपोषित और महिला एनीमिक न रहें। यह ध्यान भी रखें। उन्होंने गौठान में एक शेड निर्माण के साथ एक-दो कमरें और बनाने के निर्देश दिए। गांव के दोनों आॅगनबाड़ी केन्द्रों की साज-सज्जा करने को कहा। उन्होंने पेयजल की बात पर कहा कि जल जीवन मिशन के तहत् हर घर में कनेक्शन देने की योजना है। उसके तहत् इसका निराकरण किया जाएगा। उन्होंने गांव में एक भी मुक्तिधाम स्वीकृत किया।