नई दिल्ली/रायपुर। साल 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार 2.0 का आखिरी कैबिनेट फेरबदल जल्द ही होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल में इसी महीने फेरबदल हो सकता है, जिसमें छग, एमपी, कनार्टक समेत अन्य राज्यों के नेताओं को प्राथमिकता दी जा सकती है। दरअसल, इसी साल नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने वाले हैंद्ध भाजपा कर्नाटक और तेलंगाना में एक हाई-ऑक्टेन लड़ाई की तैयारी कर रही है, जबकि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भी कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। भाजपा का टॉप नेतृत्व मध्य प्रदेश में बदलाव पर विचार कर रहा है, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन फेरबदल में छग, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान से नए चेहरे केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल हो सकते हैं। बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कटौती देखी जा सकती है, लेकिन कुछ अच्छा प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को बरकरार रखा जा सकता है। सहकारिता के लिए एक पूर्णकालिक मंत्री भी विचाराधीन है। एक से अधिक पोर्टफ ोलियो रखने वाले कई मंत्रियों को नए प्रवेशकों के लिए कुछ से विभाजित किया जा सकता है। वर्तमान में एक से अधिक पोर्टफ ोलियो रखने वाले मंत्रियों में मनसुख मंडाविया, अनुराग ठाकुर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अश्विनी वैष्णव, स्मृति ईरानी और निर्मला सीतारमण आदि शामिल हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक अल्पसंख्यक चेहरे को भी शामिल किया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के व्यक्ति पर विचार किया जा सकता है।
नड्डा का बढ़ाया जाएगा कार्यकाल : जानकारी के मुताबिक, कि लोकसभा चुनाव और आने वाले दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने फैसला किया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा और प्रदेश अध्यक्षों को तब तक नहीं बदला जाएगा जब तक कि उनके स्थान पर बदलाव की मांग नहीं की जाती। जब तक ज्यादा जरूरी नहीं होगा तब तक संगठन में कोई बदलाव नहीं होगा। वहीं 16 जनवरी को राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक के बाद इस संबंध में औपचारिक घोषणा की जाएगी। पार्टी अध्यक्ष के रूप में नड्डा का तीन साल का कार्यकाल इस महीने के अंत में समाप्त हो रहा है।
छग के नेताओं को इसलिए जगह….15 सालों तक सत्ता में रहने के बाद बीजेपी बुरी तरह से मात खा गई। इसकी सबसे बड़ी वजह पुराने चेहरों को माना जाता रहा है। एंटी इन्कमवेंसी फैक्टर से निपटने के लिए भाजपा इस बार न सिर्फ ठोस कदम उठाएगी, बल्कि कांग्रेस की तरह ओबीसी व आदिवासी चेहरों पर फोकस कर रही है। प्रदेश स्तरीय संगठनात्मक बदलाव में भी यह नजर आया। ऐसे में एक बार फिर सत्ता में लौटने के लिए भाजपा फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। चर्चा है कि इसलिए मोदी मंत्रिमंडल में छत्तीसगढ़ के कुछ ओबीसी व आदिवासी चेहरों को शामिल किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, इसमें सबसे आगे दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल और जांजगीर सांसद गुहाराम अजगल्ले हैं।
पूर्व सीएम समेत कई नेता व सांसद पहुंचे दिल्ली… 16 जनवरी को भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक होनी है। इसमेंं छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष अरूण साव, पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह समेत कई नेता शामिल होंगे, लेकिन इसके पहले कई नेता दिल्ली पहुंचे हुए हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेशाध्यक्ष अरूण साव, विस नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, रायपुर सांसद सुनील सोनी, सरोज पांडेय, संतोष पांडेय शामिल हैं। इन नेताओं की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात को मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर जारी कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि इसकी पुष्टि पार्टी की तरफ से नहीं की गई है।