खेल डेस्क। हर एक क्रिकेटर का सपना देश के लिए खेलना होता है और अपने डेब्यू को दमदार प्रदर्शन की बदौलत यादगार बनाना भी होता है. डॉन ब्रेडमैन के बाद ऑस्ट्रेलिया के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में शुमार रिकी पोंटिंग भी कुछ ऐसा ही आगाज करना चाहते थे, मगर उन्हें वनडे और टेस्ट दोनों डेब्यू मैचों में दर्द मिला. 19 दिसंबर को अपना 48वां जन्मदिन मना रहे पोंटिंग ने फ रवरी 1995 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे मैच से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था, मगर वो इस मुकाबले में महज 1 रन ही बना पाए. वनडे का आगाज तो वो उम्मीदों के मुताबिक नहीं कर पाए, मगर टेस्ट डेब्यू उन्होंने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के साथ किया. उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ दिसंबर 1995 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था और शानदार पारी खेली थी. ऑस्ट्रेलिया ने ये मुकाबला पारी और 36 रन से जीता था. इसके बावजूद पोंटिंग को इस मुकाबले में दर्द मिला.
डेब्यू में शतक से चूक गए थे पोंटिंग : दरअसल उनके पास अपने टेस्ट डेब्यू में शतक जडऩे का मौका था, मगर वो ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 96 रन पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए और डेब्यू मैच में शतक जडऩे का उनका ख्वाब भी टूट गया. वनडे और टेस्ट दोनों डेब्यू मैचों में उन्हें दर्द मिला.
दर्द के बाद जमाया धाक : हालांकि इस दर्द के बाद तो उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में अपनी अलग ही धाक जमा दी. उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में 27 हजार रन जड़े. ऑस्ट्रेलिया की कमान संभाली. उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने 2003 और 2007 में लगातार 2 बार वनडे वल्र्ड कप जीता. वो स्टीव वॉ की कप्तानी में 1999 में वल्र्ड जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम का भी हिस्सा रहे थे. उनकी गिनती क्रिकेट की दुनिया में सबसे सफ ल कप्तानों में होती है.
पोंटिंग के नाम 71 शतक : पोंटिंग ने 168 टेस्ट मैचों में 13 हजार 378 रन बनाए, जिसमें 41 शतक और 62 अर्धशतक शामिल है. वहीं 375 वनडे मैचों में उन्होंने 13 हजार 704 ठोके. उनके नाम वनडे क्रिकेट में 30 शतक और 82 अर्धशतक है. पोंटिंग ऑस्ट्रेलिया की तरफ से 17 टी20 मैच भी खेले, जिसमें उन्होंने 2 अर्धशतक सहित 401 रन बनाए. वो इंटरनेशनल क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली के बाद सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं.