रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) की कोर कमेटी ने विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। जकांछ कोर कमेटी की बैठक रविवार को रायपुर में हुई। पार्टी अध्यक्ष अमित जोगी ने बताया कि धर्मजीत सिंह पर अनुसूचित जाति/जनजाति, गरीब, पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा और प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के सिद्धांतों के विरुद्ध कार्य करने के कारण कार्रवाई की गई है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. रेणु जोगी और प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने रविवार रात विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत से मुलाकात की। उन्हें धर्मजीत सिंह को पार्टी से निष्कासित करने की सूचना देकर डॉ. रेणु जोगी को विधायक दल के नेता की मान्यता देने का आग्रह किया है। पार्टी ने धर्मजीत सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की भी सिफारिश की है।
छत्तीसगढ़ का शिंदे बनने की थी पूरी तैयारी : सूत्रों की माने तो छत्तीसगढ़ में भी महाराष्ट्र की पटकथा दोहराने की तैयारी थी। भाजपा ने यहां भी शिवसेना वाला फॉर्मुला लगाया था। पार्टी के तीन विधायक हैं। विधायक दल के नेता के साथ एक और विधायक के अलग होकर भाजपा में शामिल हो जाने पर दल-बदल विरोधी कानून प्रभावी नहीं होता। उसके बाद ये लोग पार्टी का भाजपा में विलय करा देते। दावा है कि 20 सितम्बर की तारीख भी तय हो गई थी। पार्टी को आशंका थी धर्मजीत सिंह पार्टी का ही भाजपा में विलय करा देंगे। पता चला तो पार्टी ने कार्रवाई करते हुए अपने विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को ही पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के खिलाफ एकनाथ शिंदे गुट को खड़ा कर भाजपा ने न सिर्फ महाअघाड़ी सरकार गिरा दिया। बल्कि संगठन पर भी दावा ठोक दिया है। इसी तरह छग में भी होता है।
कौन हैं धर्मजीत सिंह : धर्मजीत सिंह पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के नजदीकियों में से एक हैं। 1998 में पहली बार लोरमी से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 2003 और 2008 में भी उन्हाेंने कांग्रेस की ओर से विधानसभा में लोरमी का प्रतिनिधित्व किया। 2003 में विधानसभा के उपाध्यक्ष भी चुने गए। दो बार उत्कृष्ट विधायक का पुरस्कार जीता। अजीत जोगी ने 2016 में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ बनाई तो धर्मजीत उनके साथ खड़े हो गए। 2018 के चुनाव में JCCJ के चुनाव चिन्ह पर जीतकर विधानसभा पहुंचे। उन्हें विधायक दल का नेता बनाया गया।