बीजापुर। बीजापुर जिला मुख्यालय में आयोजित बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक में दोरला समाज क्रांतिकारी नेता शहीद नागुल दोरला की प्रतिमा उसूर ब्लॉक मुख्यालय आवापल्ली में स्थापित करने और शासकीय महाविद्यालय आवापल्ली का नामकरण करने का भी निर्णय लिया गया है। इसे लेकर जिला पंचायत उपाध्यक्ष वा युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कमलेश कारम ने क्षेत्र व दोरला समाज की ओर से बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष व विधायक लखेश्वर बघेल और बस्तर विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष व विधायक विक्रम शाह मंडावी सहित सभी विधायकों के साथ आबकारी मंत्री कवासी लखमा और सीएम भूपेश बघेल का धन्यवाद और आभार व्यक्त किया गया है। बता दें कि शहीद नागुल दोरला की प्रतिमा लगभग 10 लाख रुपए की लागत से बनेगी।
जानिए…कौन हैं नागुल दोरला : शहीद नागुल दोरला वर्ष 1859 में अंग्रेजी शासन के समय बीजापुर जिले के पोतकेल कटपल्ली भेज्जी क्षेत्र में साल वनों की कटाई के विरुद्ध एक आदिवासी आंदोलन शुरू किया था जो कोई विद्रोह के नाम से पूरे देश में जाना जाता है। कोई विद्रोह भारत का ज्ञात सफल पर्यावरण तथा जल जंगल जमीन को बचाने का आंदोलन है। जंगल की कटाई के काम में जैसी गति पकड़ी आदिवासी जमीदारों ने मिलकर यह तय किया गया की अब जंगल और नहीं कटने दिया जाएगा। मांझियों ने एक राय वह होकर फैसला किया कि एक पेड़ के पीछे एक सिर होगा। इस आंदोलन में एक वृक्ष एक सिर का नारा दिया गया। आंदोलन के नेतृत्वकर्ता नागुल दोरला की अगुवाई में आदिवासी जमीदारों के इस विद्रोह के सामने अंग्रेज सेना को भी अपने पैर खींचने पड़े। साथ ही निजाम के आदमियों को दिए गए ठेके निरस्त किए गए। इस आंदोलन में अपनी सफलता का इतिहास रच दिया ।
प्रतिमा स्थापित होने पर पूरा क्षेत्र गौरान्वित : शहीद नागुल दोरला का मूर्ति स्थापित होने से पूरे क्षेत्र के दोरला समाज गौरवानित है। यह क्षेत्र के विधायक वा बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम शाह मंडावी के प्रयासों से हुआ है जिसके लिए पूरे दोरला समाज की ओर से जिला पंचायत उपाध्यक्ष वा युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव कमलेश कारम ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल और बीजापुर के विधायक विक्रम शाह मंडावी का धन्यवाद और आभार प्रकट किया।