रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचालनालय ने 9 मार्च, 2019 को 14 हजार, 580 पदों पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। व्यापमं की परीक्षा के बाद 30 सितंबर से 22 नवंबर 2019 तक परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए थे। मेरिट सूची के आधार पर नियुक्ति होनी थी, लेकिन वर्तमान में क्या स्थिति है किसी को नहीं पता? क्योंकि सरकार में बैठे लोग मीडिया में भर्ती प्रक्रिया जारी होने का दावा करते हैं तो दूसरी ओर शिक्षक के लिए चयनित अभ्यर्थी आंदोलन। ढाई साल से अधर में लटके भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ के प्रशिक्षित डीएड बीएड संघ के पदाधिकारी समय समय पर सरकार को जगाने के लिए आंदोलनरत रहते हैं। बीते सोमवार को भी सीएम हाउस घेरने का प्लान बनाया था, लेकिन कारणवश आंदोलन टाल दिया गया। इसके बाद संघ के पदाधिकारी शिक्षामंत्री से मुलाकात कर सरकार का रुख जानने की कोशिश की थी। इस पर शिक्षामंत्री ने दो दिनों का वक्त मांगते हुए सीएम से चर्चा कर बताने की बात कही थी, लेकिन फिर वही कहानी…..। खैर शिक्षक भर्ती का मामला अधर में लटकने की वजह से चयनित अभ्यर्थियों की कभी मनरेगा मजदूरी करने तो कभी कुछ और की खबरें आती रहती हैं। इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि चयनित अभ्यर्थी आर्थिक परेशानी से गुजर रहे हैं। इनकी स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि अब सरकार से मौत की दुहाई मांग रहे हैं। ऐसे ही एक शिक्षक व उसके परिवार का केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया है- छत्तीसगढ़ की जनता कांग्रेस की सरकार से त्रस्त हो चुकी है यह वीडियो प्राप्त हुआ लोगो ने मार्मिक अपील की है, आम नागरिक की छत्तीसगढ़ मे शिक्षक भर्ती अभियर्थी एवं परिवार का मार्मिक गीत..वहीं वीडियो की बात करें छत्तीसगढ़ की भरथरी शैली में गीत गाकर सरकार से रोजगार देने की मांग की है। शिक्षक भर्ती की अटकी प्रक्रिया से तंग आकर अपनी भाभी संतोषी के साथ इस गाने को जितेंद्र ने गाया है। इस गाने की लाइनों में युवक कह रहे हैं ढाई साल ले सुध नई लेस का होगे कका (भूपेश बघेल) तोला, नौकरी मोर दे दे तैं नई तो फांसी देदे तैं मोला। ये गीत अब जितेंद्र की ही तरह बेरोजगार हो चुके शिक्षकों का एंथम बन चुका है तेजी से वायरल हो रहा है।
युवक को बलौदा बाजार का बताया जा रहा : जिस युवक का छत्तीसगढ़ी भरथरी गीत का वीडियो वायरल हो रहा है उसे छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले का बताया जा रहा है। युवक का नाम जितेंद्र बार्वे है। जिनका सरकारी शिक्षक के तौर पर सलेक्शन हो चुका है मगर सरकार नियुक्ति नहीं दे रही। इनके परिवार में कुल 11 सदस्य है जिसमें अकेला कामकाजी है। नियुक्ति नहीं होने की वजह से यह युवक बेरोजगार है और अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए बैंक से लोन, गांव में रिश्तेदारों से उधार और कुछ सामाजिक संगठनों से आर्थिक मदद लेकर ये दो वक्त की रोटी का इंतजाम कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने भी किया ट्वीट