अपने चहेते सदस्यों के पंचायत में काम करने के लिए घर से सूची बनाकर लाई जपं अध्यक्ष, मनमानी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

बरमकेला। कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों की दादागिरी अब जनपदों में भी खुलकर सामने आने लगी है। बरमकेला जनपद में गौण खनिज मद से कार्य स्वीकृत करने के लिए चर्चा करने के बजाय अध्यक्ष अपने घर से ही लिस्ट बनाकर लाई थी। उसी सूची को दबाव डालकर फाइनल कर दिया गया। विरोध करते हुए गैर कांग्रेसी जनपद सदस्यों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। अदालत ने इस मामले में स्टे दिया है। यह जिले में पहला ऐसा मामला होगा जिसमें कार्य स्वीकृति को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई होगी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बरमकेला जनपद अध्यक्ष ने मनमाने तरीके से अपने हिसाब से सभी जनपद सदस्यों के क्षेत्र में काम स्वीकृत कर दिए। दरअसल वर्ष 16-17 में गौण खनिज मद से मिली राशि से कार्य स्वीकृत किए जाने थे। इसके लिए 25 जून 2020 को बैठक रखी गई थी। इसमें चर्चा के बाद कार्यों का अनुमोदन किया जाना था। जनपद सदस्य पहुंचे तो देखा कि जपं अध्यक्ष तारा अरुण शर्मा पहले से ही एक सूची तैयार कर लाई थी। गौण खनिज खनन प्रभावित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि से चर्चा किए बगैर ही पूर्व से तय सूची को ही फाइनल कर दिया। इसमें एक ही पंचायत को कई काम दे दिए गए। किसी पंचायत में काम ही नहीं दिया गया। सदन में विचार विमर्श किए बिना ही अध्यक्ष ने अपने करीबियों के साथ लिस्ट बनाई थी। विरोध हुआ तो अपने करीबियों का दबाव डालकर 12-10 अनुपात से प्रस्ताव पास करवा लिया। घर में बनाई सूची से 1.68 करोड़ के कार्य अनुमोदित कर दिए गए। इस सूची को अवैधानिक घोषित किए जाने संबंधी शिकायत कलेक्टर से भी की गई। साथ ही सदस्यों ने हाईकोर्ट में एडवोकेट रूप नायक के माध्यम से याचिका लगाई। अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए मामले में अगली सुनवाई तक स्टे दिया है।

बैठक में मौजूद थी सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े
इस बैठक में सारंगढ़ विधायक उत्तरी गनपत जांगड़े भी उपस्थित थीं। साथ ही विधायक प्रतिनिधि के रूप में अरुण शर्मा भी उपस्थित थे। वे रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक के करीबी माने जाते हैं। हाईकोर्ट ने छग पंचायत नियम 1994 और छग जनपद पंचायत व जिला पंचायत स्टैंडिंग कमेटी नियम 1994 के तहत याचिका स्वीकार करने के लिए मजबूत आधार माना।
कोई अधिकारी नहीं, कोई नियम नहीं
बरमकेला जनपद में कई मामलों में ऐसी ही मनमानी की जा रही है। सदन में कांग्रेस समर्थित सदस्यों की संख्या अधिक होने के कारण मनमानी बढ़ती जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुसौर, सरिया और बरमकेला के ज्यादातर पंचायतों में काम स्वीकृति के एवज में कमीशन वसूली की जा रही है। उसी पंचायत में काम दिया जा रहा है जहां से सरपंच-सचिव निर्धारित कमीशन देने को राजी हो रहे हैं। गौण खनिज वाला मामला सिर्फ एक उदाहरण है।
वर्सन
जनपद अध्यक्ष पहले से ही लिस्ट तैयार कर लाई थी। उसी को अनुमोदन किया गया। स्टे लगने के बारे में जानकारी मिली है।
– संदीप पोयाम, सीईओ, जपं बरमकेला

अध्यक्ष तारा शर्मा ने अपने घर से बनाकर लाई गई सूची को दबावपूर्वक अनुमोदन करवाया। बैठक में चर्चा ही नहीं की गई। जरूरत के हिसाब से कामों की स्वीकृति नहीं दी गई। यहां दादागिरी की जा रही है।
– मोहन पटेल, जनपद सदस्य

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