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विस सत्र: बृजमोहन ने कहा कलेक्टर भीख मांग रहे हैं, संसदीय कार्य मंत्री चौबे ने कहा हम कहेंगे पीएम मोदी भीख मांग रहे हैं तो

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को मानसून सत्र का दूसरा दिन रहा। विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की। प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमितों की संख्या, क्वांरटाइन सेंटरों में व्यवस्था कलेक्टरों द्वारा लिए जा रहे जनसहयोग का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार को 2 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का अधिकार दे दिया है और फंड भी उपलब्ध करा दिए है। फिर भी छग की सरकार महज 118 करोड़ रुपए खर्च करती है। छग में जो क्वांरटाइन सेंटर हैं। वह सब आत्महत्या के केंद्र बन रहे हैं। वहां पर सांप, बिच्छू काट रहे हैं, लोग आत्म हत्या कर रहे हैं। सरकार ने क्वांरटाइन सेंटर को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बनाया है या फिर फैलाने के लिए। पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार ने जो जानकारी दी है कि 22 हजार क्वांरटाइन सेंटर में 6 लाख से ज्यादा लोगों को रखने की व्यवस्था है, जरा आप मुझे बता दें? अभी तक क्वांरटाइन सेंटर में कितने लोगों को रखा गया? इसका जवाब मुझे नहीं मिला। मेरी जानकारी में इन सेंटरों में 1 लाख से ज्यादा लोगों को नहीं रखा गया। जबकि 6 लाख लोगों को रखने की व्यवस्था की है। कलेक्टरों के पास पैसे नहीं है। प्रदेश के सभी कलेक्टर अपने संबंधित जिले के व्यापारियों को इकट्‌ठा करते हैं कि क्वांरटाइन सेंटरों के लिए हमें कूलर, पंखा, पलंग, गद्दा, दवाई दे दीजिए। राज्य के सभी कलेक्टर भीख मांग रहे हैं। वे बोल रहे हैं हमारे पास व्यवस्था नहीं है। सरकार व्यवस्था क्यों नहीं कर सकती? लोगों की जान बचाना ज्यादा जरूरी है या आपका उत्सव मनाना ज्यादा जरूरी है? बृजमोहन अग्रवाल के द्वारा कलेक्टरों को भीख मांगने वाली बात पर संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि ये क्या शब्द हुआ कि कलेक्टर भीख मांग रहे हैं। हम कहेंगे कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोविड के लिए पैसे व भीख मांग रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री चौबे ने बृजमोहन अग्रवाल को हिदायत दी कि इस प्रकार के शब्दों का बिल्कुल उपयोग न करें। कलेक्टर जन सहयोग ले रहे हैं और जनसहयोग करने वाली संस्थाओं की प्रशंसा करनी चाहिए। आपने टाटीबंध चौक में देखा। हजारों लोगों ने लाखों लोगों की सेवा की और पूरे प्रदेश में सेवा की और आप कह रहे हैं कि कलेक्टर भीख मांग रहे हैं। आप शब्दों को थोड़ा सुधार लिजिए। हम कहेंगे कि क्या प्रधानमंत्री भीख मांग रहे हैं? ये होता है, जनसहयोग लिया जाता है। आपदा से लड़ने के लिए राज्य व केंद्र सरकार की ये सब व्यवस्था होती है। पहले भी हुआ है और आज भी हो रही है, लेकिन कम से कम इस प्रकार के शब्दों का उपयोग न करें, आप बुद्धिमान हैं।

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