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रायगढ़ – घरघोड़ा- धरमजयगढ़- पत्थलगांव मार्ग, अम्बिकापुर – वाड्रफनगर – बम्हनी – रेनूकूट – बनारस और पंडरिया – बजाग – गाड़ासरई मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग सीएम ने केंद्रीय परिवहन मंत्री से की

रायपुर.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज नागपुर प्रवास के दौरान केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री  नितिन गडकरी से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ राज्य में तीन नये राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री नईदिल्ली के प्रवास के पश्चात नागपुर पहुंचे थे। उन्होंने यहां केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी से मुलाकात कर उन्हें दीपावली पर्व की शुभकामनाएं दी और राज्य में सड़क विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में भोपालपट्नम-तारलागुड़ा मार्ग के डामरीकरण, रायपुर शहर के टाटीबंध में फ्लाईओव्हर और पतरापाली कटघोरा मार्ग के उन्नयन के लिए श्री गडकरी को धन्यवाद दिया। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्ग और सैद्धांतिक राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण, उन्नयन, पुर्ननिर्माण हेतु 11024.39 करोड़ रूपए के प्रस्तावित कार्यो को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया।
श्री बघेल ने भारतमाला योजना के अंतर्गत रायपुर- दुर्ग बायपास के भू-अर्जन के संबंध में केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया कि भारत सरकार द्वारा भू-स्वामियों को भू-अर्जन की राशि का भुगतान नहीं हो रहा है, जिससे भू-स्वामियों में रोष है। इन भू-स्वामियों को शीघ्र मुआवजा राशि का भुगतान कराने का भी उन्होंने आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि चांपा – कोरबा-कटघोरा मार्ग अत्यंत खराब स्थिति में है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग औद्योगिक नगरी कोरबा को जोड़ता है। जल्द ही सड़क निर्माण एजेंसी नियुक्त कर निर्माण कार्य शुरू कराया जाए। इसके अलावा पिरियोडिकल रिनिवल में वर्ष 2020-21 में आबंटन 50 करोड़ रूपए किए जाने, रायगढ़-सरायपाली राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद पड़े कार्य को पुनः प्रारंभ कराने और रायपुर से धमतरी मार्ग के निर्माण की गति को तेज कराने का भी उन्होंने अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने केन्द्रीय परिवहन मंत्री से छत्तीसगढ़ राज्य में तीन नये राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का आग्रह किया। इनमें रायगढ़ – घरघोड़ा- धरमजयगढ़- पत्थलगांव मार्ग, अम्बिकापुर – वाड्रफनगर – बम्हनी – रेनूकूट – बनारस मार्ग और पंडरिया – बजाग – गाड़ासरई मार्ग शामिल हैं। श्री बघेल ने बताया कि ये मार्ग आदिवासी बहुल क्षेत्रों से गुजरते हैं। इसके अलावा ये मार्ग भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रस्तावित मार्गों को भी जोड़ते हंै। इन मार्गों में यातायात घनत्व की सघनता है। इन मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने से राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्रों का तेजी से विकास होगा।   मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राज्य में वर्ष 2019-20 में चौड़ीकरण एवं उन्नयन हेतु चिन्हित पांच नई सड़कों को वर्ष 2020-21 की वार्षिक कार्ययोजना में शामिल कर स्वीकृति प्रदान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने बताया कि ये सड़कें मार्च 2020 के अंत में लाॅकडाउन लगने के कारण स्वीकृत नहीं हो सके थे। उनकी फिर से स्वीकृति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इन सड़कों में मुंगेली से पण्डरिया मार्ग, मददंमुड़ा से देवभोग, अभनपुर से पोण्डमार्ग, झलमला-बालोद-शेरपार मार्ग, जयनगर में आरओबी निर्माण शामिल है। इन सड़कों की कुल लंबाई 148 किलोमीटर और इनकी कुल लागत 1414 करोड़ रूपए है। इन सड़कों के लिए डी.पी.आर. तैयार कर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग को भेजा गया है।

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