

रायपुर। छग विधानसभा का मानसून सत्र 25 अगस्त से शुरू हो रहा है। सत्र 4 दिनों तक चलेगा। विस सत्र चालू होने के पहले विधायकों ने कोरोना टेस्ट कराने से इनकार कर दिया है। मतलब अब विधायक बगैर कोरोना टेस्ट के ही विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होंगे। विधानसभा सचिवालय ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए तय किया था कि परिसर में प्रवेश से पहले सभी विधायकों का कोरोना टेस्ट सत्र शुरू होने के दो दिन पूर्व किया जाएगा। 23 अगस्त को विधानसभा परिसर में सभी विधायकों को उपस्थित होने के लिए सूचना भी जारी की गई थी। विधायकों ने सूचना जारी होने के बाद इस प्रकार के टेस्ट को लेकर असहमति जताई, तब विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के हस्तक्षेप के बाद विधायकों का सत्र से पहले कोरोना टेस्ट कराने के निर्णय को वापस ले लिया गया है। यह टेस्ट विधायकों के डर का कारण बन गया है। एक दर्जन से ज्यादा विधायकों को यह डर है कि जांच में वो पॉजिटिव आ गए, तो फिर क्या होगा। हालांकि अधिकतर में कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे, लेकिन अधिकतर विधायकों का यह भी कहना है कि टेस्ट कराने पर बगैर लक्षण के भी पॉजिटिव पाया गया है। विधायकों का कहना है कि अगर कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं, तो उनको अस्पताल में भर्ती होना होगा। साथ ही अस्पताल से छूटने के बाद 14 दिन तक होम क्वारेंटाइन भी रहना होगा। ऐसे में उनका पूरा कामकाज प्रभावित हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि विधानसभा के मानसून सत्र के पहले विधायकों को कोरोना टेस्ट कराने का निर्णय विधानसभा ने लिया था।
