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प्रदेश में अघोषित आपातकाल, भूपेश राज में पत्रकार होना गुनाह है क्या-विष्णुदेव साय

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश में पत्रकारों के साथ लगातार हो रहे मारपीट व दुर्व्यवहार पर प्रदेश सरकार पर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कुचलने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया है कि पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की बात करने वाले भूपेश के राज में पत्रकार होना गुनाह है क्या? उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में पत्रकारों को अपराधी की तरह पीटा जा रहा हैं और पत्रकार सुरक्षा की बात करने वाले मौन हैं। यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए घातक है। उन्होंने प्रदेश में लगातार पत्रकारों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि बीते दिनों कांकेर में पत्रकार के साथ घटित मारपीट व दुर्व्यवहार की घटना ने प्रदेश को शर्मसार कर दिया था और अब ताजा घटना कवर्धा में एक युवा पत्रकार के साथ प्रशिक्षु डीएसपी द्वारा बेरहमी से मारपीट का वीडियो देख स्तब्ध हूँ। किस दिशा में जा रहा है छत्तीसगढ़? उन्होंने कवर्धा में युवा पत्रकार के साथ मारपीट व पुलिस द्वारा जानवरों जैसा सुलूक किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पत्रकारों के साथ दिनप्रतिदिन होते दुर्व्यवहार को गंभीरता से लेने व ठोस कार्रवाही करने की मांग की हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश में पत्रकारों और मीडिया की स्वतंत्रता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में लगातार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर प्रहार किया जा रहा हैं। पत्रकार अपनी मांगों को लेकर लोकतांत्रिक ढंग से जब पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने का दावा करने वाली इस भूपेश सरकार को जगाने का प्रयास करते हैं तब पत्रकारों को कुचला जाता है। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि प्रदेश सरकार न सिर्फ मीडिया की आज़ादी छीनना चाहती है बल्कि पत्रकारों को अपने हिसाब से चलाना चाहती है। लगातार प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से मीडिया पर दबाव बनाने की सूचना मिल रही है। यह सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या करने और इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाए जांने जैसी स्थिति की ओर इशारा करता है। उन्होंने भूपेश बघेल से पूछा है कि प्रदेश में अघोषित आपातकाल क्यों लगाया गया हैं? क्यों पत्रकारों को कांग्रेसी और पुलिस भी जब मर्जी पीटने व दुर्व्यवहार करने का काम कर रही है? क्यों कलम की ताकत को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है? क्या भूपेश बघेल की सरकार ने 22 महीनों में ही ऐसे कृत्य कर दिए कि उन्हें मीडिया की आज़ादी से डर लगने लगा है कि कहीं बेईमान राजा की पोल ना खुल जाय! उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता को बताना होगा कि क्यों उनके राज में पत्रकारों को सड़क पर पीटा जाता हैं? क्यों पत्रकारों का आंदोलन कुचला जाता हैं? क्यों आज भूपेश बघेल के राज में छत्तीसगढ़ का पत्रकार असुरक्षित महसूस कर रहा हैं? क्यों डर भय और असुरक्षा का वातावरण हैं?

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