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जल जीवन मिशन में अनियमितता की केंद्र से जांच की मांग,  डॉ. रमन ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन में अनियमितता की शिकायत की जांच की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि जल जीवन मिशन में हुई अनियमितताओं की जांच केंद्रीय एजेंसियों के द्वारा की जाए। उन्होंने अपने पत्र के में कहा है कि केंद्र ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए करोड़ों रुपए की राशि स्वीकृत की लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार विकास कार्यों के प्रति उदासीन है। डॉ. रमन सिंह ने पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ में 41.32 परिवारों को 2023 तक घरेलू नल कनेक्षन से जोड़ा जाना था। 7 हजार करोड़ का आबंटित है। कार्य के बटवारे भारी अनियमितता सामने आई है। पीएचई विभाग ने नियमों में शिथिल कर बंदरबांट करने के उद्देश्य से टेंडर का बंटवारा किया। विपक्ष द्वारा अनियमितता उजागर करने के बाद टेंडर प्रक्रिया को निरस्त भले किया लेकिन इस योजनाको लेकर कितनी गंभीर है, लेकिन सरकार की मंशा स्पष्ट हो गई है। मामले में मुख्यमंत्री का रवैया उदारसिनता पूर्ण है। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था दुरस्त करने बनाई जा रहीइस योजना में राज्य सरकार बाधा डालने की का प्रयास कर रही है। योजना का असर व्यापक रूप से पड़ेगा। अत: केंद्र सरकार से अनुरोध है कि इसमें सीधा हस्तक्षेप करे। अंग्रिम कार्य बंटवारे की निगरानी केंद्र सरकार द्वारा किया जाए और पुराने टेंडर की अनियमितता की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराई जाए। राज्य सरकार सभी केंद्रीय योजनाओं में उदाििसनता अपना रही है।

2023 में छग समेत इन राज्यों में पूरा होना है लक्ष्य
मंत्रालय के अनुसार छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के अलावा अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, तमिलनाडु व त्रिपुरा ने इस लक्ष्य को 2023 में शतप्रतिशत करने की कार्ययोजना तैयार की है। जबकि राष्ट्रीय लक्ष्य 2024 तक मिशन के शतप्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने के लिए असम, आंध्र प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और पश्चिम बंगाल ने कार्य योजना बनाने का दावा किया है।

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