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गौ-हत्यारी सरकार’ गौठान, रोका-छेका और गौ-धन योजनाओं के नाम पर सिवाय पाखंड के कुछ और नहीं कर रही: भाजपा

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने प्रदेश में लगातार गौ-पशुधन की हो रही असामयिक मौतों को लेकर प्रदेश सरकार पर एक बार फिर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार पिछली घटनाओं से सबक लेने को तैयार नहीं है। प्रदेश सरकार को ‘गौ-हत्यारी सरकार’ बताते हुए श्री सुंदरानी ने कहा कि गौ-पशुधन की ये मौतें इस बात का प्रमाण हैं कि प्रदेश सरकार गौठान, रोका-छेका और गौ-धन योजनाओं के नाम पर सिवाय पाखंड के कुछ और नहीं कर रही है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्री सुंदरानी ने बिलासपुर संभाग के सीपत के ग्राम मड़ई में एक अस्थायी कांजी हाउस में चार गौ-पशुधन की हुई मौत के बुधवार को सामने आए मामले का हवाला देकर कहा कि प्रदेश सरकार आनन-फानन योजनाएँ शुरू तो कर रही है पर उनके क्रियान्वयन को लेकर न तो वह ख़ुद गंभीर है और न ही ज़िम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में पशुधन भूख-प्यास, सड़क हादसों और बीमारियों के शिकार होकर असमय ही मौत के शिकार हो रहे हैं। श्री सुंदरानी ने कहा कि तखतपुर के मेड़पार बाजार में लगभग आधा सैकड़ा से अधिक पशुओं की मौत भी ऐसे ही अस्थायी गौठान में बिना चारा-पानी के इंतज़ाम और दम घुटने से हुई थी और बुधवार को प्रकाश में आए इस ताज़ा मामले में भी यह तथ्य सामने आया है कि पिछली सात अगस्त से इस अस्थायी कांजी हाउस में बिना चारा-पानी का इंतज़ाम किए इन पशुओं को बंद करके रखा गया था जिसके चलते 04 गौ-पशुधन की मौत हो गई।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्री सुंदरानी ने कहा कि पशुधन की इन मौतों से यह स्पष्ट हो चला है कि नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी का नारा देने और गौ-धन योजना का ढोल पीटने वाली प्रदेश का नाकारी कांग्रेस सरकार गौठानों में कोई पुख़्ता व्यवस्था तक नहीं कर रही है और जिन पर गौठानों के संचालन का ज़िम्मा थोप दिया गया है, वे भी संसाधनों के अभाव की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। यदि प्रदेश सरकार ने इस दिशा में संज़ीदगी से काम नहीं किया तो गौ-पशुधन की मौतों का यह सिलसिला उसके लिए काफी महंगा पड़ेगा। श्री सुंदरानी ने कहा कि बस्तर संभाग में पशुओं की जानलेवा बीमारी लमपी की दस्तक को भी प्रदेश सरकार समय रहते सुन ले और आवश्यक सुरक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था कर पशुओं को मौत के मुँह में जाने रोके। इस बीमारी से मंगलवार की रात जगदलपुर ज़िले में नगरनार के ग्राम माड़ापाल माझीगुड़ा में 06 पशुओं की जान जा चुकी है। वहाँ पशुओं में फाइलेरिया बीमारी के प्रकोप की शिकायतें प्रकाश में आई हैं।

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