Monday, November 4, 2024
Homeब्रेकिंग न्यूजTiger : एक पत्र…. और फिर चार राज्य एक 'टाइगर' की तलाश में!

Tiger : एक पत्र…. और फिर चार राज्य एक ‘टाइगर’ की तलाश में!

CG NEWS : छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के वन विभाग इन दिनों एक ‘टाइगर’ (Tiger) की तलाश में जुटी है। इस टाइगर की सरगर्मी से खोजबीन की जा रही है। चारों राज्यों के वन अमला अपने यहां बाघों की गिनती भी शुरू कर दी है। अपने-अपने राज्यों के जंगलों व अभ्यारण्य में लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे। टाइगर की इतनी सरगर्मी से खोजबीन करने की वजह है…छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा एनटीसीए और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया को लिखा एक पत्र है।

दरसअल, टाइगर (Tiger) की खोजबीन इसलिए हो रही है, क्योंकि एक बाघ पिछले कुछ दिनों से सूबे के महासमुंद जिले के सरहदी क्षेत्र और बार नवापारा अभ्यारण्य में विचरण कर रहा है। ये टाइगर छत्तीसगढ़ का नहीं है। मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र या फिर पश्चिम बंगाल से आने की बात कही जा रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा एनटीसीए और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि दीगर प्रांत का एक बाघ हमारे राज्य में घूम रहा है। इसके बाद चारों राज्य अपने-अपने बाघ की तलाश में जुट गए हैं।

बता दें कि रायपुर से करीब 110 किलोमीटर दूर स्थित बार नवापारा अभयारण्य में मार्च के पहले सप्ताह में महासमुंद जिले के हिस्से आने वाले जंगल में गांव वालों को अचानक एक टाइगर (Tiger) नजर आया। ये 30 साल बाद था कि इस जंगल में कोई बाघ दिखा था। इससे रोमांच और दहशत दोनों का माहौल हो गया। वन विभाग को पता चला तो उन्होंने भी तलाश शुरू की। इसी बीच उसी इलाके में अलग-अलग स्थानों से गांववालों ने बाघ के वीडियो वायरल किए। इसमें एक में वो रात में जंगल से लगे गांव की सड़क से निकल रहा था तो दूसरे वीडियो में गाय का शिकार कर रहा था।

इसकी ट्रैकिंग कर रहा वन विभाग पहले तो इन वीडियो को बार नवापारा का होने से इनकार करते रहे, लेकिन बाद में विभाग को भी यह बाघ दिख ही गया। इसके बाद विभाग ने वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथारिटी (एनटीसीए) को पत्र लिखकर कहा कि उनके जंगल में कहीं से बाघ भटक कर आ गया है।

फिर एनटीसीए ने छत्तीसगढ़ से लगे महाराष्ट्र के ताड़ोबा नेशनल पार्क, मध्यप्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क, ओडिशा वन विभाग और पश्चिम बंगाल के सुंदरवन प्रशासन को पत्र लिखकर पूछा कि क्या उनके यहां का कोई बाघ गुम है। अब इन सभी जगहों पर बाघों की गिनती शुरू कर दी। जैसे ही कहीं से बाघ कम होने की जानकारी मिलेगी, इसकी पहचान हो जाएगी फिर इसे वहां भेजने पर विचार होगा।