

Balrampur : रामानुजगंज क्षेत्र की जहां अन्य छोटी नदियों में वर्ष भर पानी रहता है वही क्षेत्र की सबसे बड़ी नदी कन्हर (Kanhar Nadi ) अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ता दिख रहा है कन्हर नदी की स्थिति ऐसी हो गई है कि फरवरी-मार्च में ही नदी का अत्यंत पतले धार में चलने लगती है वही अप्रैल आते-आते नदी सूख जा रही है। कन्हर नदी की पहली बार ऐसी स्थिति है कि 11 जून तक भी नदी पूर्णतः सूखा हुआ है। जबकि कई बार वर्षा हो चुकी है उसके बाद भी नदी में पानी नहीं आना चिंता का विषय है। कन्हर नदी (Kanhar Nadi ) बलरामपुर रामानुजगंज जिले की सबसे बड़ी नदी है जिसकी छत्तीसगढ़ से लेकर झारखंड उत्तर प्रदेश तक उपयोगिता है तीनों राज्य सरकारें अरबों रुपए कन्हर नदी पर डैम बनाने या यहां से पानी ले जाने के लिए कर रही है। यहां तक कि उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना जो 30 अरब से भी अधिक से बन रही है वह कन्हर नदी पर ही बन रही है।

गौरतलब है कि सरहदी क्षेत्रों की जीवनदायिनी माने जाने वाली कन्हर नदी (Kanhar Nadi ) पहले जहां इसमें वर्ष भर पानी रहता था परंतु बीते कुछ वर्षों में अप्रैल में ही नदी सुख जा रहा है। एक और रामानुजनगंज जलाशय का जलस्तर कम हो जाना दूसरी ओर कन्हर नदी का पानी सूख जाने से नगर के जलस्तर की ऐसी हो गई है कि नगर में जो हुआ आज तक कुँवा कभी सूखा नहीं था वह अब सूखने लगा है वही बोरिंग भी जवाब देने लगे हैं ऐसे में नगर में भीषण जल संकट उत्पन्न हो गया है जिस प्रकार से रामानुजगंज जलाशय एवं कन्हर नदी की स्थिति है उससे भयावह स्थिति निर्मित हो रही है। रामानुजगंज से होकर गुजरने वाले कन्हर नदी में अब तक पानी नहीं दिखा जबकि रामानुजगंज से 1 किलोमीटर ऊपर एवं 1 किलोमीटर नीचे नदी में पानी चल रहा है परंतु यहां रेत 6 से 8 फिट भर गया है जिसका पानी अब तक नदी में नहीं आ पाया है।

एनीकट का गैर जिम्मेदाराना पूर्ण निर्माण भी है नदी के लिए अभिश्राप……… भ्रष्टाचार के इमारत के रूप में स्थापित 9 करोड रुपए का एनीकट नगर वासियों के लिए वरदान की जगह अभिश्राप साबित हो रहा है एनीकट के कारण नदी का अस्तित्व ही संकट में पड़ गया है एनीकट निर्माण के पूर्व रेत नहीं भरने के कारण वर्ष भर पानी नदी में रहता था परंतु जिस प्रकार से गैर जिम्मेदाराना पूर्ण एनीकट का निर्माण किया गया यह एनिकट नगर वासियों के किसी भी उपयोग का नहीं है।
एनीकट के कारण पसरी गंदगी……. एनीकट निर्माण के ड्राइंग डिजाइन में गड़बड़ी के कारण एनीकट परिसर में गंदगी पसरी रहती है उच्च तकनीकी जानकारों ने बताया कि एनीकट में गेटों की संख्या अधिक होनी चाहिए थी वही यह एनीकट समतल नदियों के ड्राइंग डिजाइनिंग के हिसाब से बना दिया गया जबकि कन्हर नदी के लिए ड्राइंग डिजाइन में तब्दीली होनी चाहिए थी।
वर्षा के बाद भी नहीं आया नदी में पानी…… यह बहुत चिंता का विषय है कि बीते दिनों कई बार बरसात हुई यहां तक कि मूसलाधार बारिश कोई परंतु इसके बाद भी अब तक नदी में पानी के धार का नहीं चला नदी अभी भी सूखी पड़ी है।
कन्हर के अस्तित्व के बचाने के लिए प्रशासन को चिंता करने की है आवश्यकता…… एक ओर छत्तीसगढ़ शासन नरवा संवर्धन के लिए कार्य कर रही है वहीं क्षेत्र की जीवनदायिनी कन्हर नदी की स्थिति बहुत ही चिंताजनक बनी हुई है प्रशासन को नदी के अस्तित्व बचाने के लिए चिंता करने की आवश्यकता है वही विस्तृत कार्ययोजना बनाकर कार्य करने की जरूरत है ताकि नदी का अस्तित्व बना रहे।
उत्तर प्रदेश से लेकर झारखंड एवं छत्तीसगढ़ में कन्हर नदी की है उपयोगिता……. कन्हर नदी की उपयोगिता किस प्रकार से हैं इसे इस बात से समझा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना अमवार डेम कन्हर नदी पर ही बन रही है जो करीब 30 अरब लागत से है वहीं झारखंड सरकार के लिए भी कन्हर नदी बहुत ही उपयोगी है। झारखंड सरकार के द्वारा अरबों रुपए की विभिन्न योजनाएं कन्हर नदी को लेकर बनाई गई है। छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा भी 1 अरब से अधिक कन्हर नदी पर ही बन रहे कोटपाली डैम पर खर्च कर दी गई है।हालांकि कोटपली डैम पर खर्च की गई राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
