

Baramkela News : छत्तीसगढ़ में मानसून के प्रवेश करने के साथ ही मौसम में असर देखने को मिल रहा है। सोमवार को भी रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में सुबह से ही बारिश (Srg Rain) का दौर जारी है। अगले दो दिनों के लिए रायपुर सहित पूरे मध्य छत्तीसगढ़ के हिस्से को यलो अलर्ट पर रखा गया है।
इससे पहले राजधानी में मानसून के आगमन के पहले ही दिन जमकर बारिश (Srg Rain) हुई। शनिवार शाम से ही पूरा शहर बादलों के घेरे में रहा और रविवार रात से दिनभर अच्छी बारिश हुई। वहीं ग्रामीण इलाकों में भी रविवार को तड़के पांच बजे से गरज चमक के साथ मूसलाधार बारिश डेढ़ घंटे तक हुई। उसके बाद भी रुक रुककर बारिश होने से भीषण गर्मी से लोगों को राहत मिली है वही किसानों के खेतों में लबालब पानी भरने से मेड़ फूट गए। इससे चलते किसानों को बरसते पानी में खेतों की मरम्मत करने में व्यस्त रहे।
इस बार मानसून ने लंबे इंतजार के बाद बीते रात को सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सरिया – बरमकेला अंचल में सक्रिय हुआ और रविवार सुबह पांच बजे से साढ़े छ: बजे तक लगातार मूसलाधार बारिश (Srg Rain) होती रही। इस बारिश से खेत खलिहान व तालाबों में पानी का जमाव हो गया और खेतों के मेड फूटने लगे थे।

ऐसे में किसान मेडों की मरम्मत के लिए फावड़ा लेकर पहुंचे थे और ज्यादा पानी भरे खेतों में निकासी भी करते दिखे। किसानों का कहना है कि सीजन की पहली बारिश है ऐसे में खेतों में पानी रोकना लाभदायक नहीं है। क्योंकि खेतों में धान बीज की बोआई नहीं कर पाए हैं। चूंकि मानसून की लेटलतीफी से कृषि कार्य पिछड़ा हुआ है।
तीन तरह के सिस्टम सक्रिय : उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी ओडिशा-पश्चिम बंगाल के ऊपर निम्न दाब का क्षेत्र व संबंधित चक्रवाती संचरण सक्रिय है, जो अगले दो दिन में उत्तरी ओडिशा व झारखंड की ओर बढ़ सकता है। वहीं, एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण उत्तरप्रदेश के मध्य भाग से समुद्र तल से डेढ़ किमी ऊंचाई पर है।
साथ ही एक पूर्व-पश्चिम द्रोणिका उत्तर पंजाब से उत्तर पश्चिमी खाड़ी के ऊपर स्थित निम्न दबाव क्षेत्र तक दक्षिण उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तर-पूर्व मध्यप्रदेश और उत्तरी छत्तीसगढ़ होते हुए समुद्र तल से 0.9 किमी की ऊंचाई पर है।
खुर्रा बोनी वाले खेतों में अब आएगा अंकुरण : जिन किसानों ने खुर्रा बोनी कर लिए है उनके सामने अंकुरण की समस्या नहीं होगा। छोटे व सिंचाई सुविधा न रखने वाले किसानों ने एक सप्ताह पहले से खेतों में खुर्रा पद्धति से धान का छिडकाव कर दिए थे। ऐसे में मानसून की बारिश से किसानों के चेहरे में चमक आ गया है।
लेई पद्धति से तैयारी कर रहे : सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत समीपस्थ ग्राम छुहीपाली के किसान अनिरुद्ध पटेल, भबर पटेल ने बताया कि जोरदार बारिश के बाद खेतों में लबालब पानी होने से लेई पद्धति से धान बोआई करेंगे। खेती किसानी का समय निकलता जा रहा है। वही रोपा के लिए थरहा बीज का छिडकाव शुरु कर दिया गया है।
” खेतों में खरीफ सीजन का पहला पानी भरा हुआ है उन खेतों में 4 – 5 दिन बाद खरपतवार घास उग आएगें। इसके लिए किसानों को अच्छी जोताई करने के बाद ही धान बीज की बोआई करना चाहिए।
तालकेश्वर पटेल, आरईएओ साल्हेओना
