

chhattisgarh villagers protest against poultry farm : छत्तीसगढ़ में मुर्गो (Poultry Farms)ने न सिर्फ एक गांव को बंद करा दिया, बल्कि जिला व पुलिस प्रशासन को दिनभर हलाकान होने के लिए मजबूर कर दिया। दरअसल, ग्रामीण गांव में खुले एक पोल्ट्री फार्म (Poultry Farms) को बंद कराने के लिए यहां से वहां और इधर से उधर पिछले कई दिनों से चक्कर काट रहे, लेकिन कहीं उन्हें न्याय नहीं मिला। जिसके कारण पूरा गांव कलेक्टर से मिलने पहुंच गया, पर डीएम ग्रामीणों से नहीं मिले। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने कलेक्ट्रोरेट परिसर में डेरा डाल कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों को समझाने व शांत कराने के लिए एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार व थानेदार के पसीने छूट गए। बाद में एसडीएम द्वारा मामला न्यायालय में प्रक्रियाधीन होने और कार्रवाई का भरोसा दिया तो ग्रामीणों ने आंदोलन खत्म किया। जिसके बाद जिला व पुलिस प्रशासन के अफसरों ने राहत की सांस ली। मुर्गो के कारण गांव बंद होने और अधिकारियों के दिनभर हलाकान होने का मामला छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के डोंडीलोहरा ब्लॉक का है।

जानकारी के मुताबिक, मामला जिले के डौंडीलोहारा ब्लाक के ग्राम अरज पूरी का है। यहां पर पोल्ट्री फार्म (Poultry Farms) खोला गया है। इसके विरोध में ग्रामीणों ने मंगलवार को गांव बंद करा दिया और बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंच गए। इससे पहले ग्रामीणों ने मंत्री अनिला भेड़िया के घर को घेरने की धमकी भी दी थी। कलेक्ट्रेट में ग्रामीण तो पहुंच गए, लेकिन कलेक्टर मिलने ही नहीं आए। इस पर ग्रामीण भड़क गए और उनके इंतजार में कार्यालय के बाहर जमीन पर बैठे । घंटों प्रदर्शन के कारण यातायात प्रभावित हो गया। लोगों के वाहन फंस गए।


इसके बाद से अधिकारी लगातार ग्रामीणों को मनाने के लिए जुटे रहे। इसमें एसडीओपी, थाना प्रभारी, एसडीएम, तहसीलदार सब शामिल हैं। एसडीएम ने कहा कि, आप सब अपने कागज हमें दे दीजिए, हम कलेक्टर साहब तक पहुंचा देते हैं, लेकिन ग्रामीण कलेक्टर से मिलने को अड़े रहे। ग्रामीणों का कहना था कि हम सैकड़ों की संख्या में आए हैं तो कलेक्टर से मिलकर अपनी बात को रखेंगे। कहा कि, डेढ़ वर्षों से अधिकारियों के चक्कर काट-काट के हम सब परेशान हो गए हैं। कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में एक व्यक्ति ने पोल्ट्री फार्म खोला है, जिससे वे खासे परेशान हैं। पूरा गांव बदबू, गंदगी और मक्खियों की चपेट में है। जीवन यापन, खाना-पीना सब दूभर हो गया है। बंद कराने की मांग रहे हैं, लेकिन कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है। सरपंच कुहकी मंडावी ने बताया कि पहले भी अपनी शिकायत लेकर पहुंचे हैं, लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ। सरपंच ने आरोप लगाया कि जांच के लिए अधिकारी आते तो है, पर मिक्चर और बिस्किट खाकर लौट जाते हैं। यहां तक की किसी को सूचना तक नहीं दी जाती।
