Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सभी जिलों के सीएमएचओ को निर्देश देते हुए कहा है कि वह एक महीने के भीतर अपने जिले में संचालित निजी पैथोलॉजी सेंटर की सूची तैयार करें। उन्होंने यह निर्देशित (Patients Referring) किया कि इनमें से अनियमित पैथोलॉजी लैब को 1 वर्ष के भीतर नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी कराई जाए।
यदि इन पैथोलैब के पास वैध दस्तावेज नहीं हैं तो इन्हें आयुष विश्वविद्यालय से डिप्लोमा का कोर्स करने का मौका दिया जाएगा ताकि एक वर्ष के भीतर नियमित हो जाएं।शासकीय अस्पतालों में स्थित पैथोलॉजी लैब को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए ताकि मरीजों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। मंत्री अपने निवास कार्यालय में राज्य के सीएमएचओ, सीएस, नोडल अधिकारी तथा डीपीएम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक कर रहे थे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को निजी प्रेक्टिस करने की शिकायतों को लेकर हिदायत दी है। कहा है कि शासकीय चिकित्सकों को नियमानुसार भत्ता भी दिया जा रहा है, इसके बाद भी यदि चिकित्सक नियम विरुद्ध कार्य करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि अब शासकीय अस्पतालों से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर (Patients Referring)करने के लिए ठोस कारण बताना होगा, उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर रेफर करने के कारणों का रिव्यू भी किया जायेगा और यह पता लगाया जाएगा कि आखिर किन परिस्थितियों में अस्पताल ने मरीज को दूसरे अस्पताल के लिए रेफर किया।
स्वास्थ्य मंत्री ने सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो तीन माह के भीतर राज्य में मोदी की गारंटी के अंतर्गत 500 जन औषधि केंद्र खोलने की तैयारी पूरी कर लें ताकि जनता को जल्दी ही सस्ती दवा उपलब्ध कराई जा सके।
स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह मौसमी बीमारियों के संबंध में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाने की कोशिश करें ताकि मरीज मौसमी बीमारियों के प्रति सतर्क रहें और बीमार ना पड़े । मौसमी बीमारियों से संबंधित मरीज के इलाज में किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए, इसके लिए अस्पतालों में दवाइयों तथा जांच किट की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए।
उन्होंने स्वाइन फ्लू को लेकर विशेष रूप से निर्देश देते हुए कहा स्वास्थ्य विभाग को सजग रहने की आवश्यकता है, तथा इसके रोकथाम के लिए पर्याप्त जांच होनी चाहिए। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा मरीजों की पहचान करने के लिए जांच की संख्या को भी बढ़ाने के निर्देश दिए और कहा कि जांच के बाद सैंपल के आने तक का इंतजार ना करके मरीज का तुरंत ही इलाज शुरू करें।