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Jal Avardhan Yojana : 4 साल पहले बनी योजना मूर्तरूप लेने के पहले ही दम तोड़ी, विधायक भी नहीं ले रहे रूचि, सामान हो गए चोरी..

वर्षों से बरमकेला क्षेत्र में पेयजल की समस्या को लेकर महानदी से पानी खींचकर गांवों तक लाने की मांग की जा रही है और इसके लिए चार साल पहले कार्य योजना भी बनाई गई। लेकिन यह योजना मूर्तरूप लेने के पहले ही दम तोड़ती नजर आ रही है। इसके क्षेत्र रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक भी रुचि नहीं दिखा रहे है। नायक केवल कमाऊ वाले कार्यो का श्रीगणेश करने में व्यस्त हैं। ऐसे में बरमकेला क्षेत्र के लिए जल आवर्धन योजना फि सड्डी साबित होने लगी है।

Baramkela News : बरमकेला। छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के विकासखंड बरमकेला क्षेत्र के गांवों में जल आवर्धन योजना (Jal Avardhan Yojana) के तहत पाइप लाइन बिछाकर पानी आपूर्ति की जानी है। इसके लिए चार वर्ष पहले महानदी के कलमा बैराज पर करोड़ों रुपए की लागत से बना इंटकवेल की देखरेख के अभाव में उसके बाहर व भीतर के सामानों की चोरी हो गई है। इसके बाद भी पीएचई विभाग का ध्यान नहीं है।


इस योजना (Jal Avardhan Yojana) के लिए वर्ष 2018 – 19 में महानदी के बरगांव घाट के कलमा बैराज स्थित एक किनारे पर टंकीनुमा इंटकवेल का निर्माण कराया गया था। ग्राम बरगांव के गुलशन पटेल, अनिल पटेल ने बताया कि उसके भीतर कुछ मशीन लगे हुए थे और लोहे की शटर दरवाजा लगा था। उस दौरान जल आवर्धन योजना के लिए निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था कि कोरोना काल के चलते दो साल का कार्य ठप्प हो गया और संबंधित ठेकेदार भी भुगतान को लेकर हाथ खड़ा कर दिया। चूंकि इंटकवेल सहित अन्य प्रोजेक्ट को लेकर इसकी प्रशासकीय स्वीकृति 1 करोड़ 90 लाख रुपए बताई जा रही है। लेकिन इसकी देखरेख के अभाव में निर्मित इंटकवेल की सामानों में मोटर पंप से लेकर अन्य कल पुरजे की चोरी हो गई। यहां तक कि शटर को उखाड़ कर ले गए है । इंटकवेल ऐसे ही खुला पडा होने से असामाजिक तत्वों का अड्डा बनता जा रहा है और कभी भी अनहोनी होने की आशंका जताई जा रही है।

पाइप लाइन का कार्य भी अधूरा

योजना (Jal Avardhan Yojana) के लिए पाइप लाइन बिछाकर गांवों व बरमकेला तक पानी सप्लाई , किया जाना है। इसके लिए पाइप लाइन बिछाया गया है। लेकिन बरगांव बस्ती अंदर में पाइप नहीं लग पाया है। इसी तरह से साल्हेओना के आधे बस्ती में भी पाइप लाइन नहीं बिछ पाया है। ऐसे में इस योजना को मूर्तरूप लेने के पहले अटका दिया गया है और क्षेत्र के लोगों को योजना का लाभ अब तक नहीं मिल सका है। वैसे तो बरमकेला क्षेत्र को ड्राई जोन में रखा गया है और इस साल वाटर लेवल की सबसे ज्यादा समस्या देखा जा रहा है। इसका प्रभाव साल्हेओना, केनाभांठा, गोबरसिंघा, डभरा, लोधिया में दिखा। ग्रामीणों को पेयजल के लिए भूजल स्तर के गिरने से कई ट्यूबवेल सूख गए हैं और लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। इसके बाद भी पीएचई विभाग मौन साध रखी है।

इंटकवेल की सामानों की चोरी की जानकारी विभाग के उच्च अधिकारियों को दे दिया गया है। हां इसकी सूचना पुलिस थाने में नहीं की गई। इस बरसात के बाद योजना के शेष कार्यों को प्रारंभ कराने के लिए अधिकारी लगे हुए हैं।

   केआर सूर्यवंशी, सब इंजीनिया पीएचई विभाग  उप संभाग, बरमकेला.

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