राजनीति

Congress Meeting : 27 को कांग्रेस केंद्रीय संगठन की बैठक, सीएम देंगे साढ़े 4 साल के काम की रिपोर्ट, टिकट को लेकर भी…

Raipur News : देश के पांच राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होना है। छत्तीसगढ़ व राजस्थान और मध्यप्रदेश में भाजपाकांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की पूरी संभावना है। इसकी तैयारियों में दोनों ही पार्टियां जुट गई है। कर्नाटक में प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद से ही कांग्रेस (Congress Meeting) अगले मिशन की तैयारियों में जुट गई है। अब पार्टी का पूरा फोकस छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान के साथ दोनों राज्यों में है। इसी के चलते पार्टी ने 27 मई को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। यह बैठक दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े की अध्यक्षता मेंं होगी। इसमें छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के लिए अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे। जबकि बैठक में राष्ट्रीय नेतृत्व के अलावा, एमपी व राजस्थान के नेता भी उपस्थित रहेंगे।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के काम की रिपोर्ट पेश की जाएगी। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में प्रदेश स्तरीय मुद्दों पर चर्चा होगी। प्रदेश संगठन की तरफ से अब तक बनी बूथ कमेटियों, जिला कमेटी और प्रदेश कमेटी की जानकारी दी जाएगी। साथ ही आगामी छह महीने का रोडमैप भी पेश किया जाएगा। यह भी कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेस का शीर्ष मंडल बैठक (Congress Meeting) में मंत्रियों और विधायकों के रिपोर्ट कार्ड पर भी चर्चा होगी। वर्तमान समय में राज्य सरकार अपनी उपलब्धियों को लेकर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भरोसे का सम्मेलन आयोजित कर रही है। इस सम्मेलन में सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को सम्मानित किया जा रहा है। केंद्रीय नेताओं की बैठक में इसकी रिपोर्ट दी जाएगी।

टिकट वितरण के साथ चुनावी मुद्दों पर मंथन

पार्टी सूत्रों की माने तो इस बैठक में प्रमुख रूप से दो बिंदुओं पर विशेष चर्चा होगी। इनमें चुनावी मुद्दों के साथ टिकट वितरण को लेकर केंद्रीय संगठन के साथ चर्चा की जाएगी। छत्तीसगढ़ के 90 में से 71 विधायक कांग्रेस के हैं। इनमें लगभग 40 से 45 विधायकों के कमजोर परफार्मेंस की खबरें है। सीएम भेंट मुलाकात में लोगों से शासकीय योजनाओं की फीडबैक लेने के साथ ही विधायकों की स्थिति पर नब्ज टटोलते हैं। मुख्यमंत्री पहले खुद बोल चुके हैं कि कुछ विधायकों को अपनी स्थिति सुधारने की जरूरत है, अभी इनके पास समय है। ऐसे में कमजोर विधायकों की परफार्मेंस सूची भी आलाकमान के सामने रखी जा सकती है ताकि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कमजोर की जगह मजबूत कैंडिडेट को चुनावी मैदान में उतारा जा सकें।

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