

Chhattisgarh Politics : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए सभी सियासी दल एक्टिव मोड में हैं। सत्ताधारी कांग्रेस (Congress Meeting) व विपक्षी भाजपा सहित दूसरी पार्टियों ने चुनाव जीतने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। कांग्रेस प्रदेश के 5 संभागों में संभागीय कार्यकर्ता सम्मेलन कर रही है। यह ब्लॉक स्तर से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं (Congress Meeting) को रिचार्ज करने की कवायद है। 2 जून को बस्तर की 12 सीटों पर रणनीति बनाने के बाद अब 7 जून बुधवार को बिलासपुर के सिम्स ऑडिटोरियम में बिलासपुर संभाग के लिए सम्मेलन आयोजित किया गया।
सभा (Congress Meeting) को संबोधित करते हुए सीएम भूपेश ने कहा कि बिलासपुर राजनीति और कांग्रेस का गढ़ है। 2018 के रिजल्ट में सबसे अच्छा प्रदर्शन रायगढ़, कोरबा और जांजगीर का रहा। बिलासपुर में सिर्फ दो सीटें जीते, मुंगेली में हम चुनाव हारे। सीएम बोले ‘छत्तीसगढ़ में जो राजनीति बदलाव हुआ है, वो पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी के कांग्रेस से बाहर जाने के बाद हुआ।

मैं अजित जोगी जी को बार-बार धन्यवाद देता हूं, जब तक कांग्रेस में थे कांग्रेस चुनाव नहीं जीती। तब फिर लोग यही कहते थे कि जोगी को पार्टी से हटाएंगे तो ही कांग्रेस चुनाव जीतेगी। कांग्रेस से हटाने के बाद छत्तीसगढ़ में बहुमत से सरकार बनी, फिर तीनों उप चुनाव जीते (चित्रकूट, दंतेवाड़ा और मरवाही)Ó खैरागढ़ विधानसभा को डॉ. रमन अपना गढ़ बताते थे, वहां उपचुनाव में रमन सिंह को बड़ी बहुमत से कांग्रेस ने चुनाव हरा दिया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने मंच को सम्बोधित करते हुए कहा कि ब्लॉक अध्यक्षों को खुश होना चाहिए कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम भी पहले ब्लॉक अध्यक्ष हुआ करते थे। मंच पर नेताओं का नाम लेते हुए डॉ महंत ने चुटकुले अंदाज में कहा कि मैं ज्योत्सना महंत का अभी नाम नहीं भूला हूं, मैं खुद को मेहमान कलाकार के रूप में देख रहा हूं। मुझे कोई जिम्मेदारी नहीं मिली है।
कार्यक्रम की शुरुआत से पहले मोहन मरकाम ने कहा, विधानसभा चुनाव में सर्वे के आधार पर जीतने वाले उम्मीदवार को टिकट दिया जाएगा। बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि, साढ़े चार साल से बीजेपी नेता बिल में छुपे थे। अब कुकुरमुत्ते की तरह बाहर निकल रहें हैं। जनता समझ चुकी है कि जब चुनाव नजदीक आता है तभी भारतीय जनता पार्टी बाहर निकलती है।
24 में 13 पर कांग्रेस काबिज : बता दें कि बिलासपुर संभाग में कुल 24 विधानसभा सीटें हैं। जिनमें से वर्तमान में 13 कांग्रेस के पास है। सात में भाजपा, दो जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और दो बसपा के पास है। 2018 के चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का इस संभाग में अच्छा असर देखा गया था जिसके चलते उसे कोटा, लोरमी की 2 सीटें ही नहीं मिलीं बल्कि बसपा को गठबंधन के कारण से जैजैपुर और पामगढ़ की सीटें भी हासिल हुई थीं। अब इस साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले चुनाव में कांग्रेस अपनी 13 सीटें बचाने के साथ-साथ बाकी के 11 सीटों को भी जीतने के लिए इस सम्मेलन में खास रणनीति बनाई गई।
इन सीटों पर बीजेपी का कब्जा : छत्तीसगढ़ के 5 में से बिलासपुर संभाग में ही बीजेपी के सबसे अधिक 7 विधायक हैं। इनमें मुंगेली, रामपुर, बिल्हा, बेलतरा, मस्तूरी, अकलतरा और जांजगीर शामिल हैं। इनमें जांजगीर सीट से नारायण चंदेल हैं जो वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष हैं। बिल्हा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक व मुंगेली तथा रामपुर से क्रमश: पूर्व मंत्री पुन्नूलाल मोहले और ननकीराम कंवर विधायक हैं। बिलासपुर संसदीय सीट में भी इस समय प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव सांसद हैं।
राहुल गांधी से डरती है बीजेपी : बिलासपुर रवाना होने से पहले रायपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, संगठन का कार्यक्रम चल रहा है। पहले जगदलपुर में था। आज बिलासपुर में है आगे दुर्ग में रहेगा। भाजपा राहुल गांधी से डरती है। अमित शाह के दुर्ग दौरे को लेकर कहा, पिछली बार उन्होंने जो नारा दिया था 65 पार, वह कांग्रेस के लिए था। छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ बीजेपी ने मंगलवार को घोटाले की बारात निकाली, जिसे लेकर सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं को कुछ ना कुछ काम देना पड़ेगा और वो ये काम भी बेमन से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में इनके लिए कोई गुंजाइश नहीं है। मजदूर से लेकर व्यापार तक सभी के आय में हमने वृद्धि की है।
