

Ambikapur News : इन दिनों आसमान से आग बरस रही है। इससे सिर्फ इंसान परेशान नहीं है, बल्कि बेजुबान जीव-जंतु, पशु-पक्षी भी प्रभावित है। सरकार व वन विभाग जंगली जानवरों के लिए जंगलों में पीने की पानी की पर्याप्त व्यवस्था होने का दावा करती है, पर बेजुबान जंगली जानवर विभाग की पोल खोल ही देते हैं।
दरअसल, इस भीषण गर्मी में अपनी प्यास बुझाने के लिए जानवर जंगल से निकलकर गांवों की ओर रूख कर रहे। जंगल से गांव आने पर उनके जान पर आफत आन पड़ रही है। क्योंकि यहां आवारा कुत्तों के अलावा शिकारी भी शिकार के ताक में लगे रहते हैं। ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से सामने आया है। जहां अपनी प्यास बुझाने के लिए चार चीतल गांव पहुंच गए। उन पर आवारा कुत्तों की नजर पड़ गई तो काटने दौड़ाया। इस दौरान एक हिरण अपनी जान बचाने कुएं में जा गिरा। जिसे रेस्क्यू टीम ने कड़ी मेहनत मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला और जंगल में छोड़ दिया।

जानकारी के मुताबिक, चार हिरण अंबिकापुर (Ambikapur ) शहर से लगे अजरिमा बस्ती के पास पहुंच गए। इन पर आवारा कुत्तों की नजर पड़ी तो शिकार करने के लिए दौड़ाया इसी दौरान एक चीतल बस्ती के कुएं में गिर गया। जबकि तीन चीतल जंगल की ओर भागने में कामयाब रहे। वहीं सुबह ग्रामीणों की नजर कुएं में पड़ी तो उन्होंने एक हिरण को देखा, जिसके बाद वन विभाग को सूचना दी। इसके बाद वन विभाग ने एसडीआरएफ की मदद से कुएं के अंदर फंसे हिरण को सुरक्षित बाहर निकाला और चेकअप के बाद शहर के संजय पार्क में शिफ्ट कर दिया गया।
सरगुजा के जंगलों में बढ़ रहे जानवर
अब सरगुजा के जंगलों में धीरे-धीरे वन्य प्राणियों की संख्या में इज़ाफ़ा हो रहा है. पहले संभाग के सूरजपुर और एमसीबी ज़िले में बाघ और तेंदुआ देखे गए थे और अब सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर के पास हिरण देखे गए हैं. पुराने समय में सरगुजा का जंगल हाथियों, बाघ, भालू, तेंदुआ, हिरण और चीतल जैसे जंगली जानवरों का महफ़ूज़ ठिकाना था, लेकिन तब घने जंगल उनका रहवास हुआ करते थे पर विकास की आड़ में धीरे धीरे जंगल कटने लगे और आज स्थिति ये है कि अगर वन्य प्राणी इंसान को दिख गया तो उस पर विशेष चर्चा होने लगती है.
