बरमकेला। कोरोना की दूसरी लहर में देश के कई राज्यों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में लगे लॉकडाउन के चलते सभी कामकाज व कारोबार बंद होने के कारण खासकर गरीबों पर काफी आर्थिक संकट आ गया। इस बीच कोई भुखमरी का शिकार न हो, इसके लिए सरकार ने रहमदिली दिखाई और प्रदेश सरकार के आदेश पर राशन दुकानों से दो माह का एकमुश्त चावल फ्री में बांटा गया। इसकी खूब सराहना हुई, लेकिन छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के बरमकेला ब्लॉक में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल, इस ब्लॉक के ग्राम पंचायत हट्टापाली के आश्रितग्राम छिंदपतेरा, जगदीशपुर, मंजूरपाली, अमलीपाली समेत अन्य गांवों के हितग्राहियों को जो चावल बांटा गया है। वह इंसानों के खाने लायक नहीं है। इससे अब प्रदेश सरकार की खूब किरकिरी हो रही है। जानवर और पक्षियों को खिलाने वाला चावल की सप्लाई बरमकेला ब्लॉक के पीडीएस दुकानों की गई है। लॉकडाउन में लोगों को राहत देने ब्लॉक के 98 उचित मूल्य की दुकानों में मई और जून महीने के चावल का वितरण किया जा रहा है। नान के गोदामों से चावल की आपूर्ति दुकानों में कराई गई थी। जिसकी क्वालिटी बेहद घटिया है। गोदाम में पड़े-पड़े चावल पाखड़ हो चुका था। उसी पाखड़ चावल को पीडीएस की दुकानों में खपा दिया गया। चावल की क़्वालिटी इतनी गिर गई है कि सिर्फ मुर्गियां ही खा सकती हैं। नान के क़्वालिटी इंस्पेक्टर ने भी दबी जुबान से इस बात की स्वीकारोक्ति दी और जवाबदेही से बचते रहे। फूड विभाग इस मसले पर बात करने को भी तैयार नहीं है। दूसरी ओर मुर्गियों के अनाज को खाने से लोगों को बदहजमी हो गई है। चावल में अजीब सी खुशबू आ रही है और लोगों के गले नही उतर रहा है।
गरीबी का मजाक उड़ा रही सरकार- चावल की क़्वालिटी सही नहीं होने से खाना तो दूर दुकानदार लेने को तैयार नहीa हैं। खरीद भी रहे हैं तो वो भी कौड़ियों के भाव में। दो माह का एकमुश्त 17 हजार 500 क्विंटल राशन ब्लॉक के 41 हजार 226 राशनकार्डधारी परिवार को बांटा गया है। ब्लॉक के दस हजार एक सौ अति गरीब परिवार और 26 हजार बीपीएल परिवार के लोगों को गरीब होने का दुख अभी हो रहा है। लोगों का कहना है कि, जानवर पक्षियों को खिलाने वाला चावल देकर सरकार गरीबी का खूब मजाक उड़ा रही है।
अधपका के साथ बन जाता है खिचड़ी: कुछ गृहणियों ने बताया कि पाखड़ चावल ठीक से नही पक रहा है। अधपका होने के साथ खिचड़ी बन जाता है। चाह कर भी चावल को खा नही पा रहे हैं। इससे परेशानी और भी बढ़ गई है। चावल में कीड़े बिलबिला रहे हैं। यह देख चावल को खाने की इच्छा ही खत्म हो गई है। राशन दुकान संचालक ऊपर से ही ऐसा चावल सप्लाई होने की बात कह रहे हैं। इसलिए लोग मजबूरन अनाज उठा रहे हैं।