आम मुद्देछत्तीसगढ़सारंगढ़-बिलाईगढ़

रहने लायक नहीं फिर भी जान हथेली में रखकर यहां निवास कर रहे अफसर व उनके परिजन!

बरमकेला। छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिलांतर्गत जल संसाधन विभाग बरमकेला के अधिकारी कर्मचारियों के लिए आवासीय कॉलोनी के साथ एक ऑफि स रूम बना है। लेकिन शासन की घोर उपेक्षा के चलते इस कॉलोनी के पुराने जमाने का बना खपरैल व लकड़ी से निर्मित मकानों की हालत जर्जर अवस्था में पहुंच गया है। इसके बाद भी मरम्मत के लिए कोई ध्यान नहीं दिया गया है। ऐसे में सरकारी कॉलोनी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस कॉलोनी का निर्माण शासन द्वारा वर्ष 1970 में किया गया था। जिसमें एक मकान को ऑफि स के लिए और 4 मकान के कमरे को एसडीओ, सब इंजीनियर व अन्य कर्मचारियों के आवास हेतु तैयार की गई थी । उस जमाने में सरकारी मकानों का निर्माण के दौरान छत खपरैल के होते थे और दरवाजा खिड़की लकड़ी के लगाई जाती थी। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इतने लंबे समय गुजरने के बाद भवनों की हालत कैसी होगी। लकड़ी के दरवाजे, खिड़कियां टूट चुके हैं या फि र दीमक का आक्रमण हो चुका है। कर्मचारियों का कहना है कि इस कॉलोनी की स्थिति खराब होने की दशा में आला अधिकारियों को अवगत भी कराया गया एवं लिखित में मरम्मत कराने की मांग की गई। लेकिन किसी भी उच्च अधिकारी ने ध्यान ही नहीं दिया। एक बार भी मरम्मत के लिए कोई राशि स्वीकृत नहीं हुआ है। इसके बावजूद भी यहां के पदस्थ कर्मचारी अपने जेब से मकानों की मरम्मत कराकर रहने को मजबूर हैं। कर्मचारी बताते हैं कि जीर्ण शीर्ण सरकारी मकानों को तोड़कर नये भवन बनाने की आवश्यकता है। लेकिन इस मामले में जनप्रतिनिधि भी उदासिन बने हुए हैं।

 

 

शौचालय भी हो चुके खराब : इस कॉलोनी के मकानों पर शौचालय भी अनुपयोगी हो गये है। ऐसे में कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ सरकार स्वच्छता अभियान चला रही है। लेकिन यहां इस विभाग के आला अधिकारियों को कोई मतलब नहीं है।

 

 

कलेक्टर भी देख चुकी है स्थिति : पिछले दिनों कलेक्टर डा. फ रिहा आलम सिद्दीकी बरमकेला क्षेत्र का दौरै पर पहुंची थी। उस दौरान उन्होंने सिंचाई कॉलोनी का भी निरीक्षण की और मकानों की खराब स्थिति से अवगत हुई। उन्होंने जर्जर मकानों को सुधारने के लिए प्रयास करने की बात कहीं है।

 

दो मकान धराशाई, शेष को जैसे तैसे करके ढंके है : इस कॉलोनी के पांच मकानों में दो मकान मरम्मत के अभाव में गिर चुके हैं और तीसरे की कब बारी आ जाए कहा नहीं जा सकता? इन मकानों को पदस्थ कर्मचारी स्वयं खर्च कर टपक रहे छतों को पॉलीथिन व पैरा से ढंककर रह रहे हैं।

 

 

क्या कहते हैं अधिकारी : कॉलोनी के मकानों की मरम्मत के लिए शासन को प्रपोजल भेजा गया है। इस बार बजट में शामिल होने की उम्मीद है इसके बाद कॉलोनी की सुधार कराई जाएगी। कॉलोनी के बारे में कलेक्टर सारंगढ़ बिलाईगढ़ को भी दिखाया गया है और कापी भी उपलब्ध कराई गई है।
उत्तम श्रीवास्तव, एसडीओ जल संसाधन विभाग , बरमकेला

 

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