बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ में जंगली जानवरों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन किसी ने किसी वनमंडल क्षेत्र में वन्य प्राणियों की लाश मिल रही है। इधर, वन विभाग के अफसर चैन की बांसुरी बजा रहे हैं। ऐसा ही एक जीता जागता मामला छत्तीसगढ़ के बलौदबााजार जिले से सामने आया है। यहां बार नवापारा अभ्यारण्य से लगे लवन वन परिक्षेत्र में दो तेंदुए का शव जंगल में मिला है। तेंदुए के शव करीब महीने भर पहले की है। दरअसल, दोनों तेंदुए के शव पूरी तरह सड़ गल गए थे। इस घटना ने वन विभाग के अफसरों की पोल खोल कर रख दी है। अगर वन विभाग के अफसर व कर्मचारी ईमानदारी से जंगल में गश्त पर निकलते तो न सिर्फ वन्य प्राणी सुरक्षित रहते बल्कि उन्हें तेंदुए के शव की जानकारी भी पहले मिल जाती।
इस घटना की बात करें तो छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के लवन वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक-114 अल्दा बीट में दोनों तेंदुए के शव मिले हैं। रविवार को ग्रामीण मवेशी चराने के लिए जंगल गए तो उन्होंने शवों को देखा। इसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई। दो तेंदुए का शव मिलने की जानकारी पर हड़कंप मच गया। वन विभाग की टीम के साथ ही डीएफ ओ मयंक अग्रवाल भी मौके पर पहुंच गए। अफ सरों ने वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट डॉक्टरों को भी बुला लिया। वहीं मौके पर ही दोनों तेंदुए के शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। डीएफओ मयंक अग्रवाल ने बताया कि दोनों ही तेंदुए के सभी शारीरिक अंग मौजूद थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि शिकारियों ने उन्हें नहीं मारा है। तेंदुए के शव भी पूरी तरह सड़ गल गए थे। ऐसे में उनकी मौत काफ ी समय पहले होने का अनुमान है। फिलहाल मौके पर ही पोस्टमार्टम कराकर वन विभाग की टीम ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया है।