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गोधन न्याय योजना ग्रामीणों के छोटे-छोटे सपने पूरे करने में बन रही मददगार : सीएम भूपेश

रायपुर। गोधन न्याय योजना पशुपालकों, ग्रामीणों, किसानों और मजदूरों की अतिरिक्त आय का जरिया बन गई है। गोधन न्याय योजना के प्रारंभ होने के बाद से अब तक दो वर्षो में योजना के हितग्राहियों, गौठान समितियों और महिला स्व सहायता समूहों को लगभग 380 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया गया है। यह राशि इन लोगों के लिए काफ ी बड़ी राशि है। ग्रामीण गोबर बेचने से मिलने वाली राशि से अपने छोटे-छोटे सपने पूरे कर रहे हैं। उक्त बातें सीएम भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में राशि के अंतरण के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि भेंट-मुलाकात के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि गोबर बेचने से मिली राशि का उपयोग वे बच्चों की पढ़ाई, गहने, मोटर सायकल, स्कूटी खरीदने और खेती की जमीन को विकसित करने में कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों ने राज्य सरकार द्वारा पैरादान की अपील पर गौठानों में 5 लाख क्ंिवटल से अधिक पैरादान किया है। प्रदेश में धान की कटाई का काम लगभग समाप्त हो गया है। अभी भी बहुत से किसानों के खेतों में काफ ी मात्रा में पैरा इकठ्ठा कर रखा गया है। इस पैरे को खेतों से गौठानों तक लाने का इंतजाम किया जाना चाहिए।

 

 

5 करोड़ 99 लाख रुपए का किया भुगतान : सीएम ने हितग्राहियों के खातों में 5 करोड़ 99 लाख रूपए का ऑनलाईन अंतरण किया। इस राशि में 1 दिसम्बर से 15 दिसम्बर तक के पखवाड़े में गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए 2.2 क्विंटल गोबर के एवज में उनके खाते में 4 करोड़ 41 लाख रूपए, गौठान समितियों को 94 लाख रुपए, महिला समूहों के खाते में लाभांश की राशि के रूप में 64 लाख रूपए की राशि अंतरित की गई।

 

स्वयं की राशि से गोबर खरीद रही समितियां : मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे स्वावलंबी गौठानों की समितियां अपनी स्वयं की राशि से गोबर खरीदी कर रही हैं। पिछले तीन पखवाड़ों से गोबर खरीदी के लिए दी जाने वाली राशि में से गौठान समितियों द्वारा राज्य शासन की तुलना में अधिक राशि दी जा रही है, 1 से 15 दिसम्बर तक पखवाड़े में गोबर खरीदी के लिए प्रदेश के स्वावलंबी गौठानों ने कृषि विभाग की तुलना में अधिक राशि का भुगतान किया है। गोबर विक्रेताओं को आज भुगतान की गई 4.41 करोड़ रुपए की राशि में से 2.75 करोड़ रुपए का भुगतान 4372 स्वावलंबी गौठानों ने अपने संसाधनों से और 1.66 करोड़ रूपए का भुगतान कृषि विभाग द्वारा किया गया है। यह एक बड़ा बदलाव है। उन्होंने स्वावलंबी गौठानों की संख्या बढ़ाने और इन गौठानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो गौठान समितियां गौठानों में शेड निर्माण की अनुमति मांग रही हैं, उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए। स्वावलंबी गौठनों द्वारा अब तक 32.36 करोड़ रुपए के गोबर की खरीदी की गई है।

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